हिंदी कहानी
भूमि ही क्या संसार के जितने भी पदार्थ हैं धन सम्पति हैं मकान आदि हैं, इनमें से कुछ भी तुम्हारा नही हैं.
दौड़ में खरगोश कछुए से काफी आगे निकल गया क्योंकि वह बहुत तेज रनर था। खरगोश को अपने तीव्रता पर घमंड था और उसने सोचा कि वह एक झपकी लेकर उठ भी जाएगा तब भी वह कछुए से जीत जाएगा। और उसने ऐसा ही किया, फिनिशिंग लाइन से ठीक पहले, कुछ दूरी पर वह एक पेड़ के नीचे सो गया। वह आश्वस्त था कि वह आसानी से जीत जाएगा, भले ही वह कुछ समय के लिए सो गया हो।
अत: प्रतिदिन एक जीव आपके पास आ जाया करेगा, इस प्रकार बिना परिश्रम से आपका जीवन निर्वाह होता रहेगा.
कहानी वो विधा हैं, जो कई बार ऐसा ज्ञान भेट कर जाती हैं. जो लोगों को सालों के अनुभव के बाद भी प्राप्त नही होता हैं.
भाखर खुड्के ब्याई ब्याई म्हारा बीर- टमरकटूँ
मियाँ बतुले वैसे तो मियाँ बतुले का असली नाम लाल चंद है। पर चांद पुर गाँव के होने के कारण उनका नाम लाल चंद से लाल चांद हो गया। और तो और एक बार किसी अंग्रेज से परिचय करवाते हुए उसके बेटे ने मियाँ ...
आप यहाँ तो अपना स्वप्न हमे बता दीजिए अथवा दंड भुगतने के लिए तैयार हो जाइए.
समदा रे कांठे ब्याई म्हारा बीर – टमरकटूँ
यह सोच उनका गुस्सा कई गुना बढ़ गया. उसने झट से तलवार उठाई और दोनों को मौत के घाट उतारने ही वाला था.
में तो किसी तरह से उससे जान छुड़ाकर आपके पास आया हु, महाराज !
इसलिए मैं चाहता हूँ कि सभी शिष्य विवाह में लगने वाली सामग्री एकत्र करे.
मैंने उससे कहा- हम अपने स्वामी भरासुक के पास आहार के लिए जा रहे हैं.
मै ही तुम्हारा राजा हू. तुम्हे जो बात कहनी हैं, मुझसे कहो. भासुरक चोर हैं, तुम में से चार खरगोश यही रह जाओ,
भाखर खुड्के ब्याई ब्याई म्हारा बीर- टमरकटूँ